EPS क्या है ? (What is EPS?)


EPS (Employee Pension Scheme) सरकार द्वारा समर्थित एक पेंशन योजना है। इस योजना के तहत, यदि कर्मचारी (Employee) ने किसी संस्था में 9.5 वर्ष से अधिक सेवा या नौकरी किया है, तो वह मासिक पेंशन पाने का हक़दार हो जाता हैं। कर्मचारी को एक स्कीम सर्टिफिकेट (Scheme Certificate) भी मिलता हैं।  नियोक्ता (Employer) द्वारा जमा की गई कुल राशि में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी के EPS खाते में जाता है। EPFO के नियम अनुसार नियोक्ता (Employer) अपने कर्मचारी (Employee) के EPS खाते में अधिकतम 1250 रुपये जमा कर सकता हैं। जो कर्मचारी EPF के सदस्य होते हैं वे स्वतः ही EPS के सदस्य बन जाते हैं। 

EPS लाभ उठाने के लिए कर्मचारी का उम्र कम  से कम 50 वर्ष या 58 वर्ष से अधिक होना चाहिए। इसके लिए कर्मचारी को फार्म 10-C भरकर Online या Offline क्षेत्रीय EPFO कार्यालय में जमा करना होता हैं। यदि किसी कारण वश PF खाता धारक यानी कर्मचारी (Employee) का मृत्यु हो जाता है तब नामांकित व्यक्ति  पेंशन प्राप्त करने का हक़दार हो जाता हैं। 

सेवा अवधि 6 महीने से कम होने पर (IF SERVICE DURATION IS LESS THAN 06 MONTHS)
किसी वयक्ति कि सेवा अवधि 6 महीने से कम होने पर EPS योगदान पर कोई ब्याज नहीं मिलता है, और नहीं वह वयक्ति ईपीएस राशि पर दवा कर सकता हैं। 

सेवा अवधि 6 महीने से अधिक हो पर 10 वर्ष से कम होने पर  (IF SERVICE DURATION IS MORE THAN 06 MONTHS BUT LESS THAN 10 YEARS)
अगर किसी वयक्ति कि सेवा अवधि किसी संस्था में 6 महीनें से अधिक है पर 10 वर्ष से कम है तो वह वयक्ति पेंशन पाने का हक़दार नहीं होता हैं। मगर वह वयक्ति चाहें तो EPS में जमा राशि को Form- 10-C भरकर अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करा सकता हैं।  

सेवा अवधि 10 वर्ष से अधिक होने पर (IF SERVICE DURATION IS MORE THAN 9.5 / 10 YEARS)
यदि किसी कर्मचारी (Employee) ने किसी संस्था में कम से कम 9.5/10 वर्ष या इससे अधिक सेवा या नौकरी किया है, तो वह मासिक पेंशन पाने का हक़दार हो जाता हैं। कर्मचारी को एक स्कीम सर्टिफिकेट (Scheme Certificate) भी मिलता हैं। 


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